मेरे बाबा तू मुझको लगा ले गले,
कौन जाने ये मौका मिले ना मिले,
जिंदगी का भरोसा है पल का नहीं,
कौन जाने ये मौका मिले ना मिले,
एक तू एक मैं एक चाहत तेरी,
इसके आगे है कोई नजारा नहीं,
तेरी भक्ति में बंध कर चला आया हूँ,
कौन जाने कदम फिर चले ना चले
मेरे बाबा तू मुझको लगा ले गले,
कौन जाने ये मौका मिले ना मिले
जब तलक चलती धड़कन ये संसार है,
साँस थमते नजारा ये बेकार है,
इस जुबा से जपू मैं नाम हर घड़ी,
कौन जाने ये लाल फिर हिले ना हिले,
मेरे बाबा तू मुझको लगा ले गले,
कौन जाने ये मौका मिले ना मिले
आखिरी तुमसे नरसी की विनती यही,
अपनी बाँहों में हमको उठा लीजिये,
अपनी करुणा से गुलशन खिला दो मेरा,
कौन जाने दुबारा खिले ना खिले
My father, you hug me and hug me,
Who knows if he does not get this chance,
The trust of life is not of the moment,
Who knows if he does not get this chance,
One you one, one wish for you,
There is no view ahead of it,
I have come tied in your devotion,
Who knows the steps will not walk again
My father, you hug me and hug me,
Who knows, this opportunity does not get
When this world is a pulsating heartbeat,
This breathless sight is useless,
Every moment I chant with this tongue,
Who knows this red will not move again,
My father, you hug me and hug me,
Who knows, this opportunity does not get
This is the last request of Narsi to you,
Take us in your arms
Feed me Gulshan with your compassion,
Who knows whether it will bloom again