मेरे बालाजी का सोटा जब संकट पे डोलेगा
मुझे माफ़ करो बाबा वो कान पकड़ के बोलेगा
जब घुमे सोटा बाबा का भुत भी थर थर काँपे
रोगी जब मेहंदीपुर जा के अर्जी पास करावे
दो लड्डू खा कर जोगी मस्ती में झूमे गा
मुझे माफ़ करो बाबा वो कान पकड़ के बोलेगा
जो संकट मेरे बाला जी के भगतो को तडपाते है
मेरे बाबा उन संकट पे जम के मार लगाते है
मारे मत बाबा वो नाक रगड के बोले गा
मुझे माफ़ करो बाबा वो कान पकड़ के बोलेगा
चले नही गडारी मेरे बाबा के दरबार में
हर खुशिया पा लेते है जाके पेहली बार में
मेरे बाबा के दर पे झूठ जो बोलेगा
मुझे माफ़ करो बाबा वो कान पकड़ के बोलेगा
दास मेहर दीवाना तेरा जोगी बन के घुमे
बाबा की मस्ती में खो कर और मजे में झूमे
जो सचे मन से बाबा का जयकारा बोलेगा
मुझे माफ़ करो बाबा वो कान पकड़ के बोलेगा
When my Balaji’s son will be in trouble
I’m sorry baba, he will hold his ear and say
When Sota Baba’s ghost also trembled
When the patient should go to Mehandipur to get the application passed
By eating two laddus, Jogi will dance in fun.
I’m sorry baba, he will hold his ear and say
The trouble that afflicts the devotees of my Balaji
My baba beats those troubles hard
Don’t kill Baba, he said to rub his nose
I’m sorry baba, he will hold his ear and say
Gadari did not walk in my Baba’s court
Everyone gets happiness in the first time
Who will tell a lie at my baba’s rate
I’m sorry baba, he will hold his ear and say
Das Meher Deewana Tera Jogi Ban Ke Ghume
Get lost in Baba’s fun and dance in fun
One who will speak Baba’s praise with a sincere heart
I’m sorry baba, he will hold his ear and say