जागु ग्यारस की रातो में,
तेरा जीकर मेरी सब बातो में,
फिर भी वो लकीर नहीं मिट ती,
जो खींच दी तूने हाथो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम कभी आकर तू बरसातों में,
हर साल ये विपदा आती है हर बार ये घर डेह जाता है,
तस्वीर तेरी रह जाती है बाकी सब कुछ बह जाता है,
हम तुझे छुपा लेते है श्याम इन टूटे फूटे जाटो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम कभी आकर तू बरसातों में,
सिर पर है घटाओ की चादर धरती की सहज बिछाते है,
जय श्री श्याम कह कर अक्सर बचे भूखे सो जाते है,
तेरी ज्योत जगानी ना छोड़ी ऐसे भी हालातो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम कभी आकर तू बरसातों में,
कोई और दुआ न मांगी है माँगा है बस प्यार तेरा,
तू मालिक सारी दुनिया का दर दर भटके परिवार तेरा,
हम को तो ताने देते है जग वाले बातो बातो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम कभी आकर तू बरसातों में,
In the nights of Jagu Gyaras,
In all my things by living you,
Still that streak doesn’t fade,
What you pulled in your hands,
Seeing the condition of my house, Shyam ever come and you in the rains,
Every year this calamity comes, every time this house gets destroyed,
The picture remains yours, everything else gets washed away,
We hide you, Shyam, in these broken jato,
Seeing the condition of my house, Shyam ever come and you in the rains,
On the head, the sheet of reduction is easily spread on the earth,
By saying Jai Shree Shyam, the survivors often go to bed hungry.
Don’t leave your flame lit, even in such situations,
Seeing the condition of my house, Shyam ever come and you in the rains,
Haven’t asked for any other prayer, have asked for only your love,
You are the master of the whole world, your family wanders from rate to door,
We taunt us in the world of things,
Seeing the condition of my house, Shyam ever come and you in the rains,