मेरे झर झर है पांव समबालो प्रभु,
अपने चरणों की छाँव बिठा लो प्रभु,
मेरे झर झर है पांव
माया ममता की गलियों में भटका हुआ,
मैं हु तृष्णा के पिंजरे में अटका हुआ,
लाला ध्रिष्णो ने गांव निकालो प्रभु,
मेरे झर झर है पांव…
गहरी नदियां की लहर दीवानी हुई,
टूटे चपु पतवार पुराने हुई,
अब ये डुभे की नाव बचा लो प्रभु ,
अपने चरणों की छाँव बिठा लो प्रभु,
मेरे झर झर है पांव
कोई पथ न किसे ने सुजाया मुझे,
फिर भी देखो कहा की दिखलाया मुझे,
तुमसे मिलने का चाव मिला लो प्रभु,
अपने चरणों की छाँव बिठा लो प्रभु,
मेरे झर झर है पांव
मन को मुरली की धुन का सहारा मिले,
तन को यमुना का शीतल किनारा मिले,
हमको वृन्दावन धाम वसा लो प्रभु,
अपने चरणों की छाँव बिठा लो प्रभु,
मेरे झर झर है पांव
I have a waterfall, my feet, Lord,
Put the shade of your feet, Lord
my feet are springs
Maya wandered in the streets of Mamta,
I am stuck in the cage of craving,
Lala Dhrishno took out the village Lord,
I have water and feet…
The wave of deep rivers became crazy,
The broken flat hull got old,
Now save this sinking boat, Lord,
Put the shade of your feet, Lord
my feet are springs
no path, who made me happy,
Still look where I was shown,
Get the desire to meet you Lord,
Put the shade of your feet, Lord
my feet are springs
May the mind be supported by the melody of the murli,
May the body get the cool bank of Yamuna,
Take us to the abode of Vrindavan, Lord
Put the shade of your feet, Lord
my feet are springs