मेरे खुदा तू ही बता जाऊ कहा मैं तेरे सिवा,
मैं कुछ नहीं तू ही तू है,
तू ही तू है,
अमीर तू फ़कीर मैं मेरी नजर में हक़ीर मैं,
ये बन्दगी ये ज़िंदगी कहा चली अब किसे पता,
मैं कुछ नहीं तू ही तू है,
तू ही तू है,
साई तो अपना हबीब है वो दूर है पर करीब है,
ये काफिला चला चले मिला है मुश्किल से रास्ता,
मैं कुछ नहीं तू ही तू है,
तू ही तू है,
सवाल पुछु जनाब को समज सकू न जवाब को,
ये उलझने बनी धुनें किसे ने सुनली मेरी सदा,
मैं कुछ नहीं तू ही तू है,
तू ही तू है,
My God, only you tell me where I am except you,
I am nothing, you are you
You are you,
Amir you are a fakir, I am a fakir in my eyes,
Where did this life go, now who knows,
I am nothing, you are you
You are you,
Sai is his Habib, he is far but near.
This convoy has gone and found the way with difficulty,
I am nothing, you are you
You are you,
Ask the question, I can not understand the answer,
Who always listened to these confusing tunes,
I am nothing, you are you
You are you,