तू जल में तू थल में तू अगनी पवन में बीच समुन्दर
हवा के अन्दर व्यापक मेरे राम
मेरे राम मेरे राम मेरे राम
कण कण में तेरा वास है ये हर कोई जाने
राजा रंक फ़कीर तुझे तो हर कोई माने
तू कण में तू वन में तू अगनी पवन में बीच समुन्दर
हवा के अन्दर व्यापक मेरे राम
मेरे राम मेरे राम मेरे राम
तुझमे शरदा हो जिसकी उसे हर सुख मिलता
मुरजाया सा फूल भी देखो फिर से खिलता
तू तन में तू मन में तू अगनी पवन में बीच समुन्दर
हवा के अन्दर व्यापक मेरे राम
मेरे राम मेरे राम मेरे राम
नही नियत में खोट न आये इरषा आये न मन में
दुःख के फूल खिले सदा मेरे जीवन के उपवन में
तू सब में तू नव में तू अगनी पवन में बीच समुन्दर
हवा के अन्दर व्यापक मेरे राम
मेरे राम मेरे राम मेरे राम
You are in the water, you are on the land, you are in the wind, in the middle of the sea.
my ram wide inside the air
my ram my ram my ram
Every particle is your abode, everyone knows this
King rank mystic, everyone believes in you
You are in the forest, you are in the forest, you are in the wind, in the middle of the sea.
my ram wide inside the air
my ram my ram my ram
May you have Sharda in whom she gets all the happiness
See even a withered flower blooms again
You are in your body, you are in your mind;
my ram wide inside the air
my ram my ram my ram
No, there should not be any mistake in the intention, nor in the mind.
Flowers of sorrow bloom forever in the garden of my life
You are in all, you are in the new, you are in the wind, in the middle of the sea
my ram wide inside the air
my ram my ram my ram