सतगुरु मेरे सतगुरु सतगुरु मेरी जान है,
मेरी शोहरत मेरे साई जी तुमसे ही मेरी पहचान है,
मेरे सतगुरु का भाई क्या बात क्या बात,
जिसको भी एक पल मिल जाये उसकी बन जाए हर बात,
मेरे सतगुरु का भाई क्या बात क्या बात,
राम रमिया कृष्ण कन्हियान ये है जग के पार लागियां,
ये छोड़ नहीं हाथ भाई क्या बात क्या बात,
जसिको भी एक पल मिल जाये उसकी बन जाये बात,
मेरे सतगुरु का भाई क्या बात क्या बात,
सुख में दुःख में साथ है रहते छोड़ के साई दूर न जाते,
चाहे जैसे हो हालात भाई क्या बात क्या बात,
जसिको भी एक पल मिल जाये उसकी बन जाये बात,
मेरे सतगुरु का भाई क्या बात क्या बात,
स्वर्ग से सूंदर साई की शिरडी,
शिरडी मंदिर में साई विराजे,
रह सब भक्तो के साथ भाई क्या बात क्या बात,
जसिको भी एक पल मिल जाये उसकी बन जाये बात,
मेरे सतगुरु का भाई क्या बात क्या बात,
Satguru my Satguru Satguru is my life,
My fame is my identity from you, my sai ji.
What is the matter of my Satguru’s brother?
Whoever gets a moment, everything becomes his
What is the matter of my Satguru’s brother?
Ram Ramia Krishna Kanhiyan this is the people across the world,
Don’t leave this hand brother, what’s the matter,
Whosoever gets a moment, it becomes his matter,
What is the matter of my Satguru’s brother?
Sai is with you in sorrow and in happiness. Sai does not go away,
No matter what the situation brother, what’s the matter,
Whosoever gets a moment, it becomes his matter,
What is the matter of my Satguru’s brother?
Sundar Sai’s Shirdi from heaven,
Sai Viraje in Shirdi Temple,
Brother, what is the matter with all the devotees?
Whosoever gets a moment, it becomes his matter,
What is the matter of my Satguru’s brother?