मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो
विशवाश कभी न हारा है
भगवान् तो हारते देखा है पर भगत कभी न हारा है
नरसी ने भरोसे के दम पर सब राजसी भेभ्व छोड़ा था
मीरा ने नारायण की खातिर हरी नाम से नाता जोड़ा था
भगतो के लिए बीत जाते प्रभु इतहास गवाह ये सारा है
मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो
विस्वाश की डगर कठिन है जरा हर कोई नही चल पाता है
भगतो के एक कदम के लिए सो कदम कन्हिया बडाता है
मजधार भी उसका क्या करले मजधार भी बनता किनारा है
मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो
मेरे श्याम को मोहित करने का सीधा सा सरल ये नुस्का है
श्रधा और प्रेम समर्पण का मेरे ठाकुर को बड़ा चस्का है
दुःख तकलीफे आये जितनी संकट खुद बनता सहारा है
मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो
you trust my shyam
Wishwash is never lost
God has seen defeat but Bhagat has never lost
Narsee had left all the majestic guise on the basis of trust.
Meera had associated with the name Hari for the sake of Narayan.
Lord’s history has passed for the devotees, this is all the witness
you trust my shyam
The path of trust is difficult, but not everyone can walk
Kanhiya raises so many steps for one step of Bhagto.
What does the laborer do to him?
you trust my shyam
This is a simple recipe to fascinate my shyam.
My Thakur is very fond of devotion and devotion.
Suffering comes as much as the crisis itself becomes the support
you trust my shyam