मुझे जाना साई के देश रे,
कर जोगन वाला वेश रे,
मुझे जाना साई के देश रे
प्रेम में अखियाँ बरस रही है ,
उन से मिलन को तरस रही है,
उन्हें देना ये सन्देश रे,
मुझे जाना साई के देश रे
मैं तो हु विपदा की मारी,
भटक रही है इक दुखयारी,
मेरे खुले पड़े है केश रे,
मुझे जाना साई के देश रे
तरसु पल पल आवे कल न,
कब होगा मेरा साईं से मिलना,
मेरे दिल पे लगे है ठेस रे ,
मुझे जाना साई के देश रे
नींद न आई चैन न आया,
नागर के कल सपने में आया,
वो शिर्डी का दरवेश रे,
मुझे जाना साई के देश रे
Let me go to Sai’s country,
kar jogan wala disguise,
I go to Sai Ke Desh Re
The eyes are raining in love,
longing to meet them,
Give this message to them.
I go to Sai Ke Desh Re
I am the victim of adversity,
A sorrow is wandering,
My hair is lying open,
I go to Sai Ke Desh Re
Tarasu moment to moment come not tomorrow,
When will I meet Sai?
My heart is hurt
I go to Sai Ke Desh Re
No sleep, no rest,
Nagar came in yesterday’s dream,
He is the dervish re of Shirdi,
I go to Sai Ke Desh Re