दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीत,
परत गाँठ दुरजत हिये, दई नई यह रीति ,
मुझसे अधम अधीन, उवारे न जायेंगे,
प्रभु आप दीनबंधु, पुकारे न जाएंगे,
मुझसे अधम अधीन ,,,,,,,,,,,
खामोश हूँगा मै भी, अगर आप यही कह दो,
अब मुझसे कभी पातकी, तारे न जाएंगे,
मुझसे अधम अधीन,,,,,,,,,
जो बिक चुके हैं और, खरीदा है आपने,
अब वह गुलाम गैर के, द्वारे न जाएंगे,
मुझसे अधम अधीन,,,,,,,,,,
पृथ्वी का भार आपने, कई बार उतारा,
क्या मेरे पाप भार, उतारे न जाएंगे,
मुझसे अधम अधीन, उवारे न जायेंगे,
प्रभु आप दीनबंधु , पुकारे न जाएंगे
मुझसे अधम अधीन उवारे न जायेंगे
Drag Urjhat Tut Kutum, Jurat Chatur Chit Preet,
Layer knots are strengthened, may this new custom be done,
Under me, will not be rescued,
Lord you Deenbandhu, will not be called,
subordinate to me,,,,,,
I will be silent too, if you say the same thing,
Now the stars will never go away from me,
subordinate to me,,,,,
What have been sold and you have bought,
Now those slaves will not go through non-K,
subordinate to me,,,,,
You have brought down the weight of the earth many times,
Won’t the burden of my sins be taken off,
Under me, will not be rescued,
Lord you Deenbandhu, will not be called
Won’t be brought down under me