न मैं धाम धरती न धन चाहता हूँ,
कृपा का तेरी एक कण चाहता
रटे नाम तेरा वो चाहूँ मैं रसना,
सुने यश तेरा, वह श्रवण चाहता हूँ
विमल ज्ञान धारा से मस्तिष्क उर्वर
व श्रद्धा से भरपूर मन चाहता हूँ
नहीं चाहना है मुझे स्वर्ग-छबि की,
मैं केवल तुम्हें प्राणधन ! चाहता हूँ
प्रकाश आत्मा में अलौकिक तेरा है,
परम ज्योति प्रत्येक क्षण चाहता हूँ।
– Yogesh Tiwary
I want neither abode, earth nor wealth,
I want a particle of your grace
I want to recite your name,
Hear your fame, I want to hear that
Fertilize the brain from the stream of vimal knowledge
And I want a heart full of faith
I don’t want to have heaven’s image,
I only give you life! I like
The light is your supernatural in the soul,
I want the supreme light every moment.
– Yogesh Tiwary