नैना श्याम है तुझसंग लागे प्रीत के बंध के नाजुक धागे,
मन पे जोर न चलता कोई तेरी और ये मन भागे,
नैना श्याम है तुझसंग लागे प्रीत………….
श्याम मैं तेरी राधा नहीं हु,
फिर भी हु तेरे प्रेम की प्यासी,
मुझको शरण में अपने भुला लो,
मैं भी हु तेरे चरणों की दासी,
मन मेरा तुझ बिन श्याम ना लागे,
तेरी और ही ये मन भागे…..
मनमोहन तेरी मुरलीयां मीठा सा दिल में दर्द जगाये,
होश रहे न अपनी खरब कुछ जब जब श्याम तू मुरली भजाये,
मन के तारो में सुर से जागे तेरी और ही मन भागे
तेरी और ही ये मन भागे…..
खुद से मैं हर पल करती हु बाते मुझको ना जाने क्या हो गया है,
प्रीत में तेरे सुध विसरा के मन बांवरा तुझ में खो गया है,
बेबस हुई मैं तेरे आगे,
तेरी और ही ये मन भागे…..
Naina Shyam is the delicate thread of love’s bond,
There is no emphasis on your mind and this mind runs away,
Naina Shyam Hai Tujhsang Lage Preet………….
Shyam I am not your Radha
Still I am thirsty for your love,
Forget me in your shelter,
I am also the maidservant of your feet,
My mind is not like you Bin Shyam,
Yours and this mind ran away…..
Manmohan teri murliyan sweet little heart ache wake up,
Don’t be aware of your trillions, when Shyam sends you the murli,
Awaken with the tune in the strings of your mind and your mind ran away
Yours and this mind ran away…..
I talk to myself every moment, I do not know what has happened,
In love, the mind of your love is lost in you,
I was helpless in front of you,
Yours and this mind ran away…..