नैनों में श्याम समायो मोहे प्रेम का रोग लगायो,
मैं सुध बुध बुली सारी मुझे एसो रोग लगायो,
मेरी नस नस में बन के लहू तू समायो है,
छलिया ने मोहे प्रेम को रोग लगाया है,
नैनों में श्याम समायो…….
इक दीना सपने वो आयो मेरो पास,
तंग किया बाबा ने एसो मैं जागी सारी रात,
रातो की नींद उड़ाई चित चोर बड़ा हरजाई,
मेरी नस नस में बन के लहू तू समायो है,
छलिया ने मोहे प्रेम को रोग लगाया है,
नैनों में श्याम समायो…….
जब जब मुरलीवो भजावे मेरा दिल घायल हो जाये,
मैं बन जाओ श्याम दीवानी मेरी समज में कुछ न आये,
शलिंदर संवारा गाये लिख कलम से वो बतलाये,
मेरी नस नस में बन के लहू तू समायो है,
छलिया ने मोहे प्रेम को रोग लगाया है,
नैनों में श्याम समायो…….
Put the disease of love in the nano.
I have succulent budgie, give me eso disease,
You are the blood of my veins,
The deceit has given disease to Mohe Prem,
In nanotechnology, there is darkness…….
I come near to me,
Baba harassed me so I woke up all night,
The chit thief blew the sleepless nights,
You are the blood of my veins,
The deceit has given disease to Mohe Prem,
In nanotechnology, there is darkness…….
Whenever my heart gets injured when Murlivo is sent,
I become Shyam Deewani, if nothing comes to my understanding,
Shallinder Sanwara sings and tells him with a pen,
You are the blood of my veins,
The deceit has given disease to Mohe Prem,
In nanotechnology, there is darkness…….