बाधो का जब जब माँ मेला आता है,
प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है,
आँखों में जब जब तेरा चेहरा आता है,
प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है,
झुंझुनू के गांव की वो बंद गलियां,
मंदिर की बगीची की फूलो की बगियाँ
झुंझुन की माटी की खुसबो सवाली,
दादी की चरणों का वो निर्मल पानी,
दर्शन तेरे करने से ही सब मिल जाता है,
प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है,
मेले में जाके हम के अकेले मिलते वही पे खुशियों की रिले.
दादी के भक्तो का ऐसा परिवार है दादी के प्रेम का मिलता उपकार है,
रहने के ख्यालो में जब ये आता है,
प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है,
ऐसा क्या तुमने जादू चलाया मोहित को तुमने अपना बनाया,
आँखों से अक्षक सा बेहता सैलाब है या दिल में तेरी दादी दिल ये बेताब है,
ऐसा क्यों होता है समज न आता है,
प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है,
Whenever the Mother Fair of Badho comes,
Your love pulls us to tingle,
Whenever your face comes in the eyes,
Your love pulls us to tingle,
Those closed streets of the village of Jhunjhunu,
temple garden flower gardens
Question about the happiness of Jhunjhun’s soil,
That pure water of grandmother’s feet,
Everything is attained by seeing you,
Your love pulls us to tingle,
Relay of happiness when we meet alone in the fair.
Grandmother’s devotees have such a family, it is a blessing to get grandmother’s love,
When it comes to living thoughts,
Your love pulls us to tingle,
Did you do magic like this, you made Mohit your own,
There is a flood of tears with eyes, or your grandmother’s heart is desperate in her heart,
I don’t understand why this happens
Your love pulls us to tingle,