राधा दौड़ी दौड़ी यमुना पे आई,
हो कान्हा कैसी ये प्रीत निभाई वे,
राधा दौड़ी दौड़ी यमुना पे आई
आज तलाक न कुछ भी छुपाया,
फिर क्यों दिल को आज दुखाया,
रोये रोये बोले राधे रानी दो नैनं बरसे पानी,
तूने कर डाली श्याम पराई रे,
राधा दौड़ी दौड़ी यमुना पे आई…….
कैसे कटेगे दिन और रतियाँ,
कैसे जिउगी मैं मन वासियां,
तेरे झूठे पड़ गए वादे पुरे हुए न रह गए आधे,
तूने हासा हासा के रुलाई रे,
राधा दौड़ी दौड़ी यमुना पे आई
मुझसे बड़ी तू सदा रहे गी,
दुनिया तेरा नाम रटेगी,
श्याम से पहले जापे गे राधा,
करता हु मैं पका वाधा,
अब तो करदे हस्स के विदाई रे,
राधा दौड़ी दौड़ी यमुना पे आई
श्याम ने मूड के देखा ना पीछे राधा रो रही अखियां मीचे,
नरेश गंगवाल लिखे कहानी,
दिनेश के नैनं बरसे पानी,
रोये रोये राधे की बिरहा सुनाई रे
राधा दौड़ी दौड़ी यमुना पे आई
Radha ran and came to the Yamuna,
Ho Kanha, how did he play this love,
Radha ran and came to Yamuna
Today divorce did not hide anything,
Then why did the heart hurt today,
Radhe Rani cried crying, it rained two nineteen days water,
You have done Shyam Parai Re,
Radha ran and came to Yamuna.
How will the days and the ratis be cut,
How will I live my heart?
Your false promises are not half fulfilled,
Tune Hasa Hasa Ke Rulai Re,
Radha ran and came to Yamuna
You will always be bigger than me,
The world will chant your name,
Radha should chant before Shyam,
I do,
Now to Karde Huss Ke Farewell Re,
Radha ran and came to Yamuna
Shyam did not see the mood behind, Radha was crying in tears,
Naresh Gangwal wrote the story,
dinesh rained water,
Radhe ki birha sani re
Radha ran and came to Yamuna