रोम रोम में राम है जिनके हर गुण जो नित गाये,
संकट मोचन राम लला के प्यारे भक्त कहाये,
जय हो बजरंगी जय हो महावीर जय पवन सूत जय जय हनुमान,
रोम रोम में राम है जिनके
बालक पण में गेंद समज निकल लिया सूरज को,
अन्धकार में डूबा दियां तीनो लोक और चौदह भुवन को,
कब से मास तक हुई न रोशनी सब देवता गण गबराये,
मच गी खलबली सब ने की विनती तब रवि को मुक्त करवाई,
जय हो बजरंगी जय हो महावीर जय पवन सूत जय जय हनुमान,
सीता हरण कियाँ रावण ने व्याकुल थे रघुराई,
समुन्दर लांगने सो योजन का चिंता निकट थी भाई,
बोलो जय सिया राम उड़ चले हनुमान अब कोई रोक न पाए,
लांग के सागर माँ सीता को सन्देश सीता का सुनाये,
जय हो बजरंगी जय हो महावीर जय पवन सूत जय जय हनुमान,
Rome is Ram in Rome, whose every virtue which is always sung,
Where are the dear devotees of Sankat Mochan Ram Lalla?
Jai Ho Bajrangi Jai Ho Mahavir Jai Pawan Soot Jai Jai Hanuman,
Rome is Ram in Rome whose
The boy understood the ball in the pan, to the sun,
Submerged the three worlds and the fourteen Bhuvans in the darkness,
From when till the month did not light all the deities gabra,
There was a lot of panic, everyone requested then got Ravi freed,
Jai Ho Bajrangi Jai Ho Mahavir Jai Pawan Soot Jai Jai Hanuman,
Raghu Rai was distraught when Sita was kidnapped.
The worry of planning was near when the sea was long, brother,
Say Jai Siya Ram Ud Chale Hanuman, no one can stop him now.
Tell the message of Sita to Mother Sita, the ocean of Long.
Jai Ho Bajrangi Jai Ho Mahavir Jai Pawan Soot Jai Jai Hanuman,