साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे,
दुनिया के दुःख हरता है अब मेरा दुःख भी हारले,
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे,
शिरडी नगरी जन्नत बाबा इसको शीश झुकाउ,
तू जो रखदे हाथ मेरे सिर मैं सोना बन जाऊ,
अपने चरणों की सेवा का मौका मुझको देदे,
जी लू तेरी शरण में आकर,
ये तोफा तू देदे,
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे,
धुनि तुमने जला के साई हम को ये समजाया,
एहंकार क्यों करे रे बंदे ये सब है मोह माया,
हर पल तेरा ध्यान करू मैं वो एहसास तू देदे,
तेरी भक्ति जीवन हो अब ऐसी किस्मत देदे,
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे,
श्रदा और सबुरी का तुमने पाठ पढ़ाया,
अपनी शिक्षा से तूने ज्ञान का दीप जलाया,
मेरी श्रदा तुम पर हो बस इतनी इजाजत देदे,
बन के राहु तेरा दास सदा मैं वो जीवन तू देदे ,
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे,
Sai give me one corner in your Shirdi,
Takes away the sorrows of the world, now also loses my sorrow,
Sai give me one corner in your Shirdi,
Shirdi city Jannat Baba bow down to him,
Whatever hand you put on my head, I will become gold,
Give me a chance to serve your feet,
Ji, I will come to your shelter,
You give this gift,
Sai give me one corner in your Shirdi,
You made us understand this by burning dhuni,
Why should I do ego, my friends, this is all infatuation, maya,
I meditate on you every moment, I will give you that feeling,
May your devotion be life, now give such luck,
Sai give me one corner in your Shirdi,
You taught the lesson of Shrada and Saburi,
With your teaching you lit the lamp of knowledge,
I have faith in you, just allow this much,
Be Rahu, your servant, I will always give you that life,
Sai give me a corner in your Shirdi,