साई भरोसे चल रे मुसाफिर साई भरोसे चल,
मंजिल खुद चल कर आयेगी,
आज नहीं तो कल,
साई भरोसे चल रे मुसाफिर साई भरोसे चल,
रस्ते में कुछ मोड़ आएंगे तेरी हिमत तोड़ आएंगे,
अपना सफर आसान बना ले हर मुश्किल कर उसके हवाले,
उसकी तरफ जो देखेगा तू तेरी तरफ वो देखे हर पल.
आज नहीं तो कल,
साई भरोसे चल रे मुसाफिर साई भरोसे चल,
चलता जा तू ख़ामोशी से कोई न रख उम्मीद किसी से,
साई साधना रंग लाये गी,
एक दिन तेरे काम आएगी,
मन की आंख से देख सकेगा,
तन की आँख से है जो ओझल,
आज नहीं तो कल,
साई भरोसे चल रे मुसाफिर साई भरोसे चल,
जब दरवाजा बंद मिलेगा ध्यान से ही आनद मिले गा,
अगर नहीं तेरे पास सबुरी तेरी तपस्या रहे अधूरी,
साई द्वार पे झुक के देखले,
मिट जायेगा कर्मो का फल,
आज नहीं तो कल,
साई भरोसे चल रे मुसाफिर साई भरोसे चल,
Sai trust, let us travel,
The destination itself will come
Today or tomorrow,
Sai trust, let us travel,
There will be some turns on the way, your courage will break,
Make your journey easy and hand it over to him
Whoever will look at him, he will look at you every moment.
Today or tomorrow,
Sai trust, let us travel,
Go on, do not keep any hope from anyone in silence,
Sai Sadhana will bring color,
One day it will work for you,
can see with the mind’s eye,
What is lost from the eyes of the body,
Today or tomorrow,
Sai trust, let us travel,
When the door is closed, you will get pleasure from meditation only,
If you do not have all your penance remains incomplete,
Sai bowed down at the door and looked,
The fruits of karma will be erased,
Today or tomorrow,
Sai trust, let us travel,