साई साई की जपले तू माला,
अब तारे मेरा शिरडी वाला,
साई योगेश्वर है साई दयाला,
साई ही करते है जग परती पाला,
साई के नाम से जग में उज्याला,
साई साई की जपले तू माला….
श्रदा और सबुरी है साई के रूप,
जग को देते बाबा शक्ति अनूप,
साई राम तो अमृत की धारा,
साई साई की जपले तू माला
साई ही सुबह है साई ही शाम,
साई की किरपा से बनते सब काम,
साई नाम का तू पी ले प्याला,
साई साई की जपले तू माला
You garland Sai Sai’s chants,
Now the stars are my shirdi wala,
Sai Yogeshwar is Sai Dayala,
Sai only makes the world fall fallow,
There is light in the world in the name of Sai,
You garland Sai Sai’s chants….
Shraddha and Saburi are in the form of Sai,
Baba Shakti Anoop giving to the world,
Sai Ram is the stream of nectar,
You garland Sai Sai’s chants
Sai is morning, Sai is evening,
All the works made by Sai’s Kirpa,
You drink the cup of Sai’s name,
You garland Sai Sai’s chants