तर्ज:-झिलमिल सितारों का
साईं शरण में जो आया होगा,माँगा जो साईं से पाया होगा
दिल में भलाई जो लाया होगा,साईं की रहमत पाया होगा
साईं मेरा पीर है साईं साईं निस दिन गाता हूँ
साईं के दीदार को हर गुरूवार मैं मन्दिर जाता हूँ
साईं ने जिसको बुलाया होगा,उसने ही दर्शन पाया होगा
साईं का गुणगान करूँ इतनी मेरी औकात नहीं
करम है साईं नाथ का वरना मुझमें कोई बात नहीं
मैंने जो अब तक गाया होगा,साईं रहम से पाया होगा
अपने अपने धर्म पे बन्दे इतना क्यूँ इतराता है
सबका मालिक एक है तू इस बात से क्यूँ कतराता है
दिल में खुदा को बसाया होगा,साईं नज़र तुझे आया होगा
मेरी क्या औकात थी जग में फिरता मारा मारा था
हस्ती मेरी देख दंग सब क्या ये वही आवारा था
कुछ तो नज़र इन्हें आया होगा,
Lines :- Twinkle of stars
Who would have come to Sai refuge, asked for what would have been received from Sai
Who would have brought goodness in the heart, would have found the mercy of Sai
sai my pir hai sai sai nis din singh
I go to the temple every Thursday to see Sai.
Whom Sai would have called, he would have got the darshan.
I don’t have the right to praise Sai
Karam is Sai Nath’s otherwise I have nothing to do
What I would have sung till now, I must have found it by mercy
Why do the servants flaunt so much on their own religion?
Everyone’s master is one, why do you shy away from this?
God must have been settled in the heart, you must have seen Sai
What was my status?
Celebrity stunned to see me all was it the same tramp
They must have seen something, who would have adopted