सांवरिया के आगे खड़ा हूँ,कर जोड़,
मायरो भरेगो म्हारो प्यारो नंदकिशोर।
तेरी ही दया से दाता, करी मैं कमाई,
तेरी ही दया से नानी हुयी है पराई।
नरसी के कलेजे की नानी भाई कोर,
मायरो भरेगो म्हारो प्यारो नंदकिशोर॥
तेरे हो भरोसे मैंने तम्बूरा उठाया,
तेरे ही भरोसे सारा लोग हसाया।
नाचता फिरून मैं जहां में चहुँ ओर,
मायरो भरेगो म्हारो प्यारो नंदकिशोर॥
घर घर मांगू रोटी, खड़ा खड़ा खाऊ,
नानी भाई को मायरो मैं कैसे भरपाऊ।
बाबुल के कलेजे में उठे है हिलोल,
मायरो भरेगो म्हारो प्यारो नंदकिशोर॥
कृष्ण कन्हिया जब सह नहीं पाए,
गठड़ी उठा के प्रभु दौड़े दौड़े आए।
खजाना लुटाए भवर चित्त चोर,
मायरो भरेगो म्हारो प्यारो नंदकिशोर॥
I am standing in front of Saawariya, adding tax,
Myro Bharego Mharo Pyaro Nandkishore.
Giver, by your mercy, I earn,
Due to your mercy, the grandmother has become a stranger.
Brother Kor, the maternal grandmother of Narsi’s liver,
Mayro Bharego Mharo Pyaro Nandkishore॥
I raised the tambura on your trust,
All the people laughed because of you.
Wherever I am dancing Phiroon,
Mayro Bharego Mharo Pyaro Nandkishore॥
Ask for bread from house to house, eat it standing,
How can I fill my grandmother’s brother?
The heart of Babylon has risen in turmoil,
Mayro Bharego Mharo Pyaro Nandkishore॥
When Krishna Kanhiya could not bear it,
Picking up the bundle, the Lord came running.
May the chit thief loot the treasure,
Mayro Bharego Mharo Pyaro Nandkishore॥