एक रात दुखी मैं हो के सो गया था रोते रोते ,
सपने में साईं ने आके कहा मुझसे यु गले लगाके ,
मैं हु ना क्यों चिंता करता है मेरे होते क्यों डरता है,
तब साईं को देखा धीरज मैंने खोया ,
लिपट गया चरणों से फूट फूट कर रोया,
फिर साईं प्रभु यु बोले मुस्काए होले होले,
मेरे आंसू पौंच के बोले मुस्काए होले होले
मैं हु ना क्यों चिंता करता ……..
साईं ने कहा एक पल जो मेरी शरण में अये,
हार नही वो सकता तू कहे गबराए,
जो मेरी शरण में आया उस पर है मेरी छाया,
एक बार जो शिरडी आया उस पर मेरी छाया,
मैं हु ना क्यों चिंता करता है मेरे होते क्यों डरता है,
सुन कर बाबा की बाते भूल गया गम सारे,
ऐसा लगा के जैसे फिर से जनम हुआ रे,
किया साईं की और इशारा सोनू ने दिल से पुकारा,
मैं हु ना क्यों चिंता करता है मेरे होते क्यों डरता है,
One night I was sad and slept weeping,
Sai came in the dream and said hugging me,
Why do I worry, why am I afraid?
Then I lost my patience when I saw Sai,
Cried bitterly at the feet,
Then Sai Prabhu u said, smile ho ho hole,
My tears were full of smiles
I am not why worry………
Sai said a moment who came under my shelter,
He can’t give up, you say you get scared,
My shadow is on the one who takes refuge in me,
My shadow on the one who came to Shirdi once,
Why do I worry, why am I afraid?
After hearing Baba’s words, I forgot all my sorrow,
It felt like I was born again,
Sai did the gesture and Sonu called from the heart,
Why do I worry why I am afraid