सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।
करता नहीं क्यों दुसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है ।
रहबर राहे मौहब्बत रह न जाना राह में
लज्जत-ऐ-सेहरा नवर्दी दूरिये-मंजिल में है ।
यों खड़ा मौकतल में कातिल कह रहा है बार-बार
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है ।
ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार
अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है ।
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है ।
खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मींद,
आशिकों का जमघट आज कूंचे-ऐ-कातिल में है ।
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।
Our hearts are filled with the passion to sacrifice,
It is to be seen how much emphasis is in the murderer’s arms.
Why doesn’t the other one talk?
I see that my silence is in your gathering.
Rehbar Rahe Love, don’t stay in the way
Lajjat-e-Sehra is in Navardi distance-floor.
Standing like this, the murderer in death is saying again and again
Is tamanna-e-martyrdom also in anyone’s heart?
O Shaheed-Mulko-Milat, I’m on you
Now the discussion of your courage is in the gathering of non.
Let the time come, I will tell you, O Asam,
What should we tell from now on what is in our heart.
Has brought everyone the hope of being killed,
Today the gathering of lovers is in Kunche-e-killer.
Our hearts are filled with the passion to sacrifice,
It is to be seen how much emphasis is in the murderer’s arms.