शैलसुता-सुत उर मैं बसाकर, इस जग में मुद-मंगल पाकर,
कह दूँ मैं दिल का राज, खुश हूँ बहुत मैं आज,
शैलसुता-सुत उर मैं बसाकर, इस जग में मुद-मंगल पाकर,
कह दूँ मैं दिल का राज, खुश हूँ बहुत मैं आज,
कान सुनें गुणगान तुम्हारा, नैन ललाम-स्वरूप निहारे,
वास-सुवास सुअंग की प्यारे, आती रहे निज नासिका द्वारे,
शीश झुके पद-पंकज आपके, हाथ सदा पद-पद्म पखारे,
सादर नाम रटे रसना नित, ध्यान तुम्हार सदा मन धारे,
शैलसुता-सुत उर मैं बसाकर, इस जग में मुद-मंगल पाकर,
कह दूँ मैं दिल का राज, खुश हूँ बहुत मैं आज,
हे सुर-सेव्य गणेश कलानिधि, विघ्न-विनाशक विद्या-वारिधि,
शरण-विहीन को ले लो शरण में, दे दो ज्ञान सुजान दयानिधि,
गजकर्णक सेवक सुखदायक, हे गजमुख हे प्रिय सुरनायक,
मैं तो करूँ नित सेवा तिहारी, रक्षा करो तुम मेरी विनायक,
शैलसुता-सुत उर मैं बसाकर, इस जग में मुद-मंगल पाकर,
कह दूँ मैं दिल का राज, खुश हूँ बहुत मैं आज,
मोदक अर्पित सिद्धि-सदन को, शान्त करो मन रूप विहंगा,
सिद्धि-सदन बस दे दो यही वर, मन में बसे नित भक्ति की गंगा,
ब्रह्म-रूप हरि-रूप नमस्ते, रुद्र-रूप गणनाथ नमस्ते,
देव विनायक दूर करो दुःख, ज्ञान-निधे शिवपुत्र नमस्ते,
शैलसुता-सुत उर मैं बसाकर, इस जग में मुद-मंगल पाकर,
कह दूँ मैं दिल का राज, खुश हूँ बहुत मैं आज,
(गीत रचना- अशोक कुमार खरे)
Having settled in this world,
Tell me I am the secret of the heart, I am very happy today,
Having settled in this world,
Tell me I am the secret of the heart, I am very happy today,
Hear your ears, behold the form of Nain Lalam,
The sweetness of the breath-smelling suang, keep coming through my nostrils,
Pad-Pankaj bowing your head, your hands are always Padded-Padma,
Regards, Rate Rasna Nit, May your mind always meditate,
Having settled in this world,
Tell me I am the secret of the heart, I am very happy today,
O sur-sevya Ganesha Kalanidhi, the destroyer of obstacles, Vidya-Varidhi,
Take the refuge-less in the shelter, give the knowledge Sujan Dayanidhi,
Gajkarnak Servant Pleasant, O Gajmukh, O dear Suranayak,
I should always serve Tihari, protect me, you Vinayak
Having settled in this world,
Tell me I am the secret of the heart, I am very happy today,
Offer modak to the Siddhi-House, pacify the mind,
Just give this boon to the Siddhi-House, the Ganges of constant devotion settled in the mind,
Brahma-roop Hari-roop Namaste, Rudra-roop Gananath Namaste,
Dev Vinayak remove sorrow, knowledge-nidhe Shivputra Namaste,
Having settled in this world,
Tell me I am the secret of the heart, I am very happy today,
(Song Composition – Ashok Kumar Khare)