शेरोवाली बुलालो हमे भी दवार आने के काबिल नही है,
हम गुनाहागार है माफ कर दो सर उठाने के काबिल नही है,
गम ने मारा है गम ने सताया गम ने हमको परेशा किया है
गम मे हम इस कदर दब चुके है सर उठाने के काबिल नही,
गरदीशो मे हम एेसे फसे है जैसे बादल मे चनदा छिपा है,
जुलम को ठहा रहा है जमाना जो बयाने के काबिल नही,
हमको परवाहा नही है जमाना रुठता तो रुठे खुशी से,
एक सलाहा है ना तुम रुठ जाना हम मनाने के काबिल नही है,
मुशकिल अब आके पथरा गई है धङकनो का भरोसा नही,
जिनदगी मौत से लड रही है लब हिलाने के काबिल नही है,
दिल मे आजाअो महेमान बनकर दिल है के मानता ही नही,
दरद ऐ दिल का बडा जा रहा जो दवाने के काबिल नही है
(पोस्टिंग बय : रविन बंसल)
Calling Sherowali, we are not even able to come to the door.
We are guilty, forgive us, we are not capable of raising our heads,
Gum has killed Gum has hurt us Gum has troubled us
We are so buried in sorrow that we are not able to raise our heads,
We are trapped in the clouds like the moon is hidden in the clouds,
The age is laughing at the oppression which is not worth earning,
We don’t care if the world gets upset, then we get angry with happiness,
We are not able to persuade you to get angry.
Mushkil has now come to stone;
Life is fighting with death, it is not capable of moving,
Come to the heart, become a guest, I have a heart that I do not believe,
The pain of heart is getting bigger which is not worth the medicine.
(Posting by : Ravin Bansal)