मंदिर तुम्हारा राम जी तुम ही बना रहे हो
शोभा तुम अपने धाम की प्रभु खुद बड़ा रहे हो ,
भगतो की भ्वानायो का परिषम चडा रहे हो
शोभा तुम अपने धाम की प्रभु खुद बड़ा रहे हो ,
सरयू नदी की लेहरे फिर गुनगुना रही है
श्री राम नामधुन ये जैसे सुना रही है
योगी महनत साधू सब मुस्कुरा रहे है
श्रधा सुमन पिरो कर माला बना रहे है
पूजन तुम्हारी भूमि का तुम ही करा रहे हो
शोभा तुम अपने धाम की प्रभु खुद बड़ा रहे हो ,
जो नाम लिख के पत्थर पानी में थे तराए
वो ही नाम हर शिला पर हम लिख के आज लाये,
हे राम लला हम ने कुछ पुण्ये थे कमाए
जोबन के कार सेवक सेवा के काम आये
चन्दन हमारे प्रेम का मस्तक लगा रहे हो
शोभा तुम अपने धाम की प्रभु खुद बड़ा रहे हो ,
भगतो की आसथा में भीगी ये प्रीत आई,
ये अवध में विशव भर से इक इक जो इत आई,
हर हार को हरा कर देखो ये जीत आई
अपना वचन निभाने रघुकुल की रीत आई
सन्देश हर इक देश को तुम से सुना रहे हो
शोभा तुम अपने धाम की प्रभु खुद बड़ा रहे हो ,
You are making the temple your Ram ji.
You are the lord of your own abode,
Bhagto’s wishes are being meted out to
You are the lord of your own abode,
The levees of the Saryu river are humming again
Shri Ram Namdhun is reciting this as
Yogi Mahanat Sadhu everyone is smiling
Shraddha Suman is making a garland by threading
You are doing the worship of your land
You are the lord of your own abode,
The stones were in the water after writing their names.
We have brought the same name by writing on every rock today.
Hey Ram Lalla, we have earned some merits.
Joban’s kar sevaks came for service
Sandalwood is putting the head of our love
You are the lord of your own abode,
This love, drenched in the faith of the gods, came
This is the only thing that came from all over the world in Awadh,
Look after defeating every defeat, this victory came
Raghukul’s way of keeping his promise came
The message is being heard from you to every country.
You are the lord of your own abode,