( तर्ज – पिया तोसे नैना लागे रे …. )
श्याम की तस्वीर हाथो मे, मेरे हाथो मे, ले,
बात कह दी, आंखो आंखो मे,
रात को इक बार मेरे सपनो मे तु आ रे,
पास बैठा मुझको, कर ना दुर से इशारे,
करनी तुझसे बाते है हजार,
समझकर मेरे दिल की हालत, करना रहमत, करना रहमत
श्याम की तस्वीर……
सपना जो बुना, रह गया सुना, ‘बिट्टु’ तोरा ढुंढे संग रे,
आ जा अटारी, भर पिचकारी, रंग मोहे तोरा रंग रे,
तन बदन मोरा नाचे झर झर, तोसे मिलन कर, तोसे मिलन कर,
(Tarns – Piya Tose Naina Lage Re….)
Take Shyam’s picture in my hands,
Said the thing, in the eyes,
You come to my dreams once in the night,
Sitting close to me, don’t gesture from afar,
Do you have a thousand things to say,
Understanding the condition of my heart, do mercy, do mercy
Shyam’s photo……
The dream that was woven, remained heard, ‘Bittu’ with Tora Dhundhe re,
Aa Ja Atari, Bhar Pichkari, Rang Mohe Tora Rang Re,
Tan body Mora dance, Jhar Jhar, meeting with each other, by meeting with each other,