एक तमन्ना श्याम हैं मेरी, दिल में बसलूं सूरत तेरी,
हर पल उसी को निहारा करूँ, श्याम श्याम मुख से उचारा करूँ…
जय श्री श्याम
रोज सवेरे उठ कर बाबा तुझ को सीस निवाउन मैं,
प्रेम भाव से भांति भांति का नित्त श्रृंगार सजाऊं मैं।
हाथों से आरती उतार करूँ बाबा, श्याम श्याम मुख से उचारा करूँ॥
इस तन से जो काम करूँ मैं, सब कुछ तुझको अर्पित हो,
खाऊ जो प्रसाद हो तेरा, पीवू वो चरणामृत हो।
हर पल ही दर्शन तुम्हारा करूँ बाबा, श्याम श्याम मुख से उचारा करूँ॥
कण कण में है वास तुम्हारा, यह संसार तुम्हारा है,
खाटू वाले यह जग सारा ही दरबार तुम्हारा है।
चरणों में तेरे गुज़ारा करूँ बाबा, श्याम श्याम मुख से उचारा करूँ॥
दीनो की प्रभु विनती तुमसे प्रभु इतनी कृपा कर देना,
चरणों की सेवा मिल जाए इस से बढ़ कर क्या लेना।
असुवन से इनको पखारा करूँ, श्याम श्याम मुख से उचारा करूँ॥
One wish is Shyam, my heart will be filled, Surat is yours,
Every moment I should look at him, Shyam Shyam, I should take care of him with my mouth…
Hail Lord Shyam
I wake up every morning to sis nivaun to you Baba.
Let me decorate all kinds of Nite makeup with love.
Baba, I should do the aarti with my hands, Shyam Shyam should do it with my mouth.
Whatever work I do with this body, everything should be dedicated to you,
Eat whatever Prasad is yours, Pivu that Charanamrit.
Every moment I should have darshan of you Baba, Shyam Shyam, let me urinate with my mouth.
Your abode is in every particle, this world is yours,
The whole world of this world with Khatu is yours.
Baba, Shyam Shyam, I should take care of you at your feet.
Lord of the dino, please Lord bless you so much,
What more than that you get the service of the feet?
I should clean them with Asuvan, I should treat them with Shyam Shyam mouth॥