सुमिरन कर ले मेरे मना,
तेरी बीती उम्र हरी नाम बिना ।
पंछी पंख बिना, हस्ती दन्त बिना, नारी पुरुष बिना,
जैसे पुत्र पिता बिना हीना, तैसे पुरुष हरी नाम बिना ।
कूप नीर बिना, धेनु खीर बिना, धरती मेह बिना,
जैसे तरुवर फल बिना हीना, तैसे पुरुष हरी नाम बिना ।
देह नैन बिना, रैन चन्द्र बिना, मंदिर दीप बिना,
जैसे पंडित वेद विहीना, तैसे पुरुष हरी नाम बिना ।
काम क्रोध मद लोभ निवारो, छोड़ विरोध तू संत जना ।
कहे नानक तू सुन भगवंता, इस जग में नहीं कोई अपना ॥
Sumiran my refusal,
Your past life without a green name.
Birds without wings, Celebrities without teeth, Women without men,
Just like a son without a father, so a man without a green name.
Without kup neer, dhenu kheer without, earth without meh,
Just like a fruit without a Henna, similarly a man without a green name.
Without body nain, without rain moon, without temple lamp,
Just like Pandit without Vedas, in the same way men without green names.
Get rid of lust, anger, greed, leave opposition, you become a saint.
Say Nanak, you listen to God, in this world no one is yours.