माता.. माता.. माता.. माता.. माता.. माता…
सुनले तूँ मेरी पुकार हो…
सुनले तूँ मेरी पुकार,माता मैं तो घिरा हूँ, घोर पाप में
सुनले तूँ मेरी पुकार…।
जाऊँ कहाँ मैं, कौन है मेरा माई ,तूँ ही बता दे ।
किसको सुनाऊँ, दुःख की कहानी माई अपना पता दे ॥
ढूँढूँ कहाँ मैं तेरा द्वार , माता मैं तो घिरा हूँ घोर पाप में
सुनले तूँ मेरी पुकार..।
दुःख हरनी दुःख मेरा मिटादे, मैं हूँ तेरी शरण में।
सारे जगत का वैभव है माँ तेरे, दोनों चरण में।
देदे मुझे भी थोड़ा प्यार,माता मैं तो घिरा हूँ घोर पाप में
सुनले तूँ मेरी पुकार…।
तेरे चरण की धूल मिले तो कटें, पाप जनम के ।
तेरी कृपा की दृष्टि पड़े तो, जमे बीज धरम के ॥
आ जाये मन में बहार,माता मैं तो घिरा हूँ घोर पाप में
सुनले तूँ मेरी पुकार..|
सूना है जीवन तेरे बिना ओ माई, जाऊँ कहाँ मैं ।
तूँ ही बता दे, तूँ है कहाँ ये, तुझे पाऊँ कहाँ मैं ॥
जीवन के दिन चार, होय माता मैं तो घिरा हूँ घोर पाप में
सुनले तूँ मेरी पुकार हो…
सुनले तूँ मेरी पुकार
सुनले तूँ मेरी पुकार..!
गीतकार: अशोक कुमार खरे
Mother.. Mother.. Mother.. Mother.. Mother.. Mother..
Hear you are my call…
Hear my call, mother, I am surrounded, in grave sin
Hear my call….
Where should I go, who is my mother, only tell me.
To whom should I tell the story of sorrow, give my address.
Find where I am your door, Mother, I am surrounded in grave sin
Hear my call…
Eradicate my sorrow, I am in your refuge.
The splendor of the whole world is in your mother, in both your feet.
Dede me too a little love, mother, I am surrounded in grave sin
Hear my call….
If you get the dust of your feet, then cut it, the sin of birth.
If you have the sight of your grace, the seeds of Dharam are frozen.
Come out in my mind, mother, I am surrounded in grave sin
Hear my call..|
Life is lost without you, oh my, where should I go.
You tell me, where are you, where can I find you?
Day four of life, hoy mother, I am surrounded in grave sin
Hear you are my call…
you hear my call
Hear my call..!
Lyricist: Ashok Kumar Khare