दिल के भाव जब उथल पुथल कर मन को जिजोरेगा,
तब पत्थर पिघले गा तब बाबा बोलेगा,
ये पत्थर का हो कर हिर्दय का कोमल है,
रहे चुप चाप मगर बड़ा चंचल है,
तेरे कष्ट के आके अपना मोन ये तोड़ेगा,
तब पत्थर पिघलेगा और बाबा बोलेगा
है भाव का ये भूखा रिजा के देखो इसे,
मान जाता पल में सुना के देखो इसी,
अपने दया की खिड़की तेरे खातिर खोलेगा,
तब पत्थर पिघलेगा और बाबा बोलेगा
अंसियो की कीमत होती क्या ये जाने,
दर्द क्या है दिल में आँखों से पहचाने,
प्रेम बर्ष जीवन में कुंदन तेरे ये खोलेगा,
तब पत्थर पिघलेगा और बाबा बोलेगा
When the feelings of the heart will stir up the mind,
When the stones melt, then Baba will say,
It is soft of heart, being of stone,
Be quiet but very fickle,
Because of your suffering, he will break his mon.
Then the stone will melt and Baba will say
This hungry of emotion, look at Riza’s,
I would have heard in a moment and see this,
Will open the window of his mercy for you,
Then the stone will melt and Baba will say
Would it have been worth the price of Ansio?
What is the pain in the heart, know through the eyes,
Kundan will open this to you in the year of love,
Then the stone will melt and Baba will say