टेकडी जाना है उन को मनाना है करना है दीदार,
पीपल के निचे बैठे है माँ गोरा के लाल,
मोदक हलवा रोज चढ़ाये भगत करे जैकार हो देवा,
पीपल निचे वास तुम्हारा संग है भेरो नाथ,
ज्योत जगाना है भोग लगाना है करना है दीदार,
पीपल के निचे बैठे है माँ गोरा के लाल,
साग पुर के होश उड़ा जा महिमा अपरपार
दूर दूर से भक्त है आते मेले लगे है अपार,
पूरी होती है सब की मुराद बड़ा प्यारा है दरबार,
पीपल के निचे बैठे है माँ गोरा के लाल,
देवो के है देव हमारे बाबा भोले नाथ,
सब देवो में पहले पूजे जाते है गणराज,
रिद्धि सीधी के दाता हो तुम महिमा तोरी अपार,
पीपल के निचे बैठे है माँ गोरा के लाल,
Have to go to Techdi, have to persuade them,
Mother is sitting under the peepal red of Gora,
Offer modak halwa daily, Bhagat should be like God,
Peepal Niche Vaas is with you Bhero Nath,
Light is to be lit, enjoyment is to be done,
Mother is sitting under the peepal red of Gora,
Saagpur’s senses be blown away glory
There are devotees from far and wide, the fairs are immense,
Everyone’s wish is fulfilled, the court is very sweet,
Mother is sitting under the peepal red of Gora,
God is our God, our Baba Bhole Nath,
Ganaraj is worshiped first among all the gods.
You are the giver of Riddhi Sidhi.
Mother is sitting under the peepal red of Gora,