तेरे भक्तो से मैं प्रेम करू ऐसा परिवार बना दो न,
यहाँ मतलब का कोई काम न हो ऐसा संसार बना दो न,
दुनिया के रिश्तेदार प्रभु स्वार्थ का नाता रखते है,
यहाँ किस से प्रेम बढ़ाना है इस बात को खूब समझते है,
यहाँ सच्चा प्यार बरसता हो ऐसा घर बार वासदो ना,
बस नकली शान शौकत में कुछ लोग यहाँ बरमाये है,
दुनिया की झूठी रोशनी में अब नैन मेरे चुंडिहाए है,
रहे चमक तेरी इन आँखों में ऐसी चमकार दिखा दो न,
जिनको सरगम का ज्ञान नहीं वो तेरे नग्मे गाते है,
सुरताल का जिनको भान नहीं वो भी संगीत भजाते है,
जिसे सुन कर मनवा झूम उठे,
ऐसी झंकार भजा दो न,
मैं तेरा मेरा त्याग सकू,
मुझे राग देवेश से मुकति दो ,
तेरा प्रेम पथिक बन जाऊ मैं तेरे हर्ष को इतनी शक्ति दो,
भटके को रस्ता दिख लाउ,
इसा फनकार बना दो न,
तेरे भक्तो से मैं प्रेम करू ऐसा परिवार बना दो न,
Make such a family that I love your devotees, don’t you?
Here there is no meaning of any work, don’t make such a world.
The relative of the world is related to the Lord’s selfishness,
Here, with whom to increase love, understand this very well,
True love showers here;
Just in fake glory, some people have rained here,
In the false light of the world, now Nain is my bangle,
Keep shining, don’t you show such sparkle in your eyes?
Those who do not know the gamut, they sing your songs.
Those who do not know about Surtal, they also send music.
Manwa jumped on hearing that,
Don’t send such a chime,
I can give you mine
give me freedom from raga devesh,
Let your love become a wanderer, I give so much power to your joy,
Show me the way to the stray
Don’t make it a fanatic
Make such a family that I love your devotees, don’t you?