तेरे साथ कभी था खेला,
अब पास नहीं है डेला
वो खड़ा है तेरे पास वो तुम्हे बताता है अपने बचपन का यार,
ना वस्त्र कोई है उसके तन पे,
वो नजर घुमावे तेरे मेहलन पे,
या की सूरत हो रही खस्ता है,
वाहा पे चले ना जाये रस्ता,
हाथ में उसके एक कुतारिया बारम बार दबाये,
वो तुम्हे बताता है अपने बचपन का यार ,
वो नाम सुदामा अपना बतलावे,
अँखियाँ में आंसू भर भर लावे,
वा के पाँव की फटी बिबाई है वा की बात समज ना आइ है,
क्या करू इस भीख मंगे का हुकम करो सरकार
वो तुम्हे बताता है अपने बचपन का यार ,
बस इतनी सुन के मोहन उठ बागे,
वो फेर सुदामा संग में लाये,
वो गले लगा कर रोये है असुवन से पग जब धोये है,
वो दो मुठी तंदुल में मोहन भर दिए भण्डार,
वो तुम्हे बताता है अपने बचपन का यार ,
ever played with you
no longer near della
He is standing near you, he tells you his childhood friend,
There is no clothes on his body,
He should turn his eyes on your Mehlan,
or the appearance is getting crispy,
Do not go on the road,
Pressing one of his bitches repeatedly in his hand,
He tells you his childhood friend,
Tell that name Sudama as yours,
Bring tears to your eyes,
Whether the feet are torn or have not understood,
What should I do, the government should dictate this begging
He tells you his childhood friend,
Just after hearing this, Mohan got up.
He brought it back with Sudama.
He has cried with a hug when he has washed his feet with Asuvan,
Those two fists filled Mohan’s stores,
He tells you his childhood friend,