तुम्हारी दया अम्बे माँ हो गई,
जागरण की रात शुरू हो गई,
संकट हमारे किरपा कर मिटा दो,
अमर प्रेम है तुम दर्श दे दिखा दो,
इन्तज़ार की इन्तहा हो गई, जागरण की,
तेरे द्वार से कोई खाली न जाये,
मुँह मांगी मुरादे तेरे दर से पाये,
मेरे लोए माँ क्यों देरी हो गयी ,,
दया कर विघ्न सब हरो अब हमारे,
हमारी शरण हाथ में है तुम्हारे,
कलो काल की जग में बू हो गई, जागरण की,,
तेरी किरपा से ये शुभ दिन मिला है,
नहीं तुझसे अब कोई भी गिला है,
खाली झोली अब मेरी भर गई,जागरण की,,,
मनाने को पहले लिए आरती हम,
खड़े आरती में सभी भारती हम,
दाती मेरे रूबरू हो गई, जागरण की रात,,
Your mercy has become Ambe mother,
The night of awakening has begun,
Wipe away our troubles,
Immortal love is you show me the vision,
Waiting is over, of awakening,
Let no one leave your door empty,
Get your wishes at your rate,
Why was my mother late for me,
Have mercy on all the obstacles now ours,
Our refuge is in your hands,
Tomorrow, there was a smell in the world of Kaal, of awakening,
Got this auspicious day from your grace,
No, no one is jealous of you now.
My empty bag is now filled, of awakening,
Before celebrating, we do the aarti.
We all Bharati in the standing aarti,
Daati became in touch with me, the night of awakening,