एक हमें आवारा कहना
कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं
दुनिया वाले दिल वालों को
और बहुत कुछ कहते हैं
वोही मिज़ाज वोही चाल है ज़माने की
हमें भी हो गई आदत फ़रेब खाने की
वही मिजाज गोरी चाल है ……
मैं सारे शहर में तन्हा नहीं हुआ रुस्वा
सज़ा मिली है तुम्हें भी तो दिल लगाने की
वही मिजाज वहीं चाल……
शराब मिलती है लेकिन हमारी प्यास से कम
अजीब रस्म है साक़ी यहाँ पिलाने की
वही मिजाज वही चाल है……..
नज़र बचा के तुम्हें देखता हूँ महफ़िल में
नज़र लगे न कहीं तुमको इस दिवाने की
वही मिजाज गोरी चाल है……
call us a tramp
no big deal
to the heart of the world
and say a lot
The same mood is the same trick of the times
We have also got used to eating deceitfully
That mood is the right move……
I was not lonely in the whole city
You have also been punished for putting your heart
Same mood there move……
We get wine but less than our thirst
There is a strange ritual to drink saaki here.
Same mood, same move…….
Save my eyes and see you in the gathering
Don’t you see this crazy
That mood is the right move……