कितना दयावान भगवान
प्रेम प्रभु को सच्चे मन से
करके देख नादान ।
कितना दयावान भगवान ॥
दीनबन्धु वह दया का सागर
कर्मयोग से उसे रिझाकर ।
बन विनम्र फिर मांग ले
उससे जो चाहे वरदान ।
कितना दयावान भगवान ॥
अजर अमर निर्लेप है वो ही
सकल सृष्टि उस बीच पुरोई ।
यह संसार उसी की प्रतिमा,
उसका रूप महान ।
कितना दयावान भगवान ॥
अन्तर्यामी घट-घटवासी
शुद्ध-बुद्ध शाश्वत अविनाशी ।
अणु-अणु में रमा हुआ है,
करके देख पहिचान।
कितना दयावान भगवान ॥
माता-पिता परम स्नेही,
शान्ति-सुधा मिलती इससे ही।
उसी देव की स्तुति से,
होता जीवन का कल्याण ।
कितना दयावान भगवान ॥
उसकी स्नेह सुधा में नहा ले,
रोम-रोम में उसे बसा ले।
प्रेममग्न गा गद गद स्वर से
सदा उसी के गान ।
कितना दयावान भगवान ॥
what a merciful god love god with true heart
You are foolish after doing it.
What a merciful God! Deenbandhu, that ocean of mercy
By wooing him through Karmayoga.
be polite and then ask
Whatever boon you want from him. What a merciful God! He is immortal and immortal
The entire universe was filled in that midst.
This world is his image,
His form is great.
What a merciful God! intermittent dweller
Pure-Buddha eternal indestructible.
Immersed in every molecule,
Try and recognize.
What a merciful God! Very loving parents,
It is from this that peace and sweetness are obtained.
By praising the same God,
Life would have been beneficial.
What a merciful God! Take bath in the fragrance of her love,
Let it settle in every pore.
Sing with love in a deep voice
always singing Him.
What a merciful God!