क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध
क्षमा करो..
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग
क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध
क्षमा करो..
तुम तो प्रभुजी मानसरोवर,
अमृत जल से भरे हुए
पारस तुम हो, इक लोहा मै,
कंचन होवे जो ही छुवे
तज के जग की सारी माया,
तुमसे कर लू मै अनुराग
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग
क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध
क्षमा करो..
काम क्रोध में फंसा रहा मन,
सच्ची डगर नहीं जानी
लोभ मोह मद में रहकर प्रभु,
कर डाली मनमानी
मनमानी में दिशा गलत लें,
पंहुचा वहां जहाँ है आग
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग
क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध
क्षमा करो..
इस सुन्दर तन की रचना कर,
तुमने जो उपकार किया
हमने उस सुन्दर तन पर प्रभु,
अपराधो का भार दिया
नारायण अब शरण तुम्हारे,
तुमसे प्रीत होये निज राग
क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध
क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग
Excuse me, my lord all crimes so far sorry..
Wash off the sheet of the body, whatever stain is there in it
Excuse me, my lord all crimes so far sorry..
You are Lord Mansarovar, filled with nectar water
You are Paras, I am the only iron, Whoever touches Kanchan
All the Maya of the world of Taj, I will do it with you Anurag
Wash off the sheet of the body, whatever stain is there in it
Excuse me, my lord all crimes so far sorry..
The mind getting stuck in lust, don’t know the true path
Lord, living in the head of greed and attachment, taxed arbitrarily
arbitrarily take the wrong direction, reached where the fire is
Wash off the sheet of the body, whatever stain is there in it
Excuse me, my lord all crimes so far sorry..
By creating this beautiful body, the favor you did
We worshiped that beautiful body, Lord, burdened with crimes
Narayan is now your refuge, love you my raga
Excuse me, my lord all crimes so far
Excuse me, my lord all crimes so far
Wash off the sheet of the body, whatever stain is there in it