हे भक्तगण…
ना जाने कौन से गुण पर
दयानिधि रिझ जाते हैं
यही हर भक्त कहते हैं
यही सद्ग्रंथ गाते हैं
नहीं स्वीकार करते हैं
निमंत्रण नृप दुर्योधन का
विदुर के घर पहुंचकर
भोग छिलकों का लगाते हैं
न आए मधुपूरी से गोपियों
की दुःख व्यथा सुनकर
द्रौपदी के बुलाने पर
द्वारिका से दौड़े आते हैं
न रोए वन गमन सुनकर
पिता की वेदनाओं पर
लिटाकर गिद्ध को निज
गोद में आंसू बहाते है
कठिनाई से चरण धोकर
मिले जो विधि हर को
वो चरणोंदक स्वयं जाकर
केवट के घर लुटाते है
ना जाने कौन से गुण पर
दयानिधि रिझ जाते हैं
यही हर भक्त कहते हैं
यही गाते हैं…..
🌼 राधे राधे
✨🌺🔔🌺✨
Hey devotees…
Who knows on what quality? Dayanidhi gets irritated This is what every devotee says This is what the scriptures sing about
not accept invitation letter of duryodhana After reaching Vidur’s house offering of peels
Gopis should not come from Madhupuri after hearing the sorrow of On the call of Draupadi come running from Dwarka
Don’t cry after hearing about forest departure on father’s pain lay down and make the vulture his own shed tears in lap
washing feet with difficulty The method available to everyone he himself went to the feet looting the boatman’s house
Who knows on what quality? Dayanidhi gets irritated This is what every devotee says This is what they sing…
🌼 Radhe Radhe