यशोदा का नन्द लाला ब्रिज का उजाला है
मेरे लाल से तो सारा जग जिल मिलाये
रात ठंडी ठंडी हवा गा के सुलाए
भोर गुलाबी पलके झूम के जगाए,
यशोदा का नन्द लाला ब्रिज का उजाला है
सोते सोते गेहरी नींद में मुना क्यों मुस्काये,
पूछो मुझसे मैं जानू इस को क्या सपना आये
युग युग से ये लाल है अपना
हर पल देखे बस यही सपना,
जब भी जन्म ले मेरी गोद में आये
मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाये
यशोदा का नन्द लाला ब्रिज का उजाला है
मेरी ऊँगली थाम के जब ये घर आँगन में ढोले,
मेरे मन में सोई सोई ममता आँखे खोले
छुप के छुप के मुझको ताके
जैसे ये मेरे मन में झांके
चेहरे से आँखे नही हट ती हटाए
मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाये
रात ठंडी ठंडी हवा गा के सुलाए
भोर गुलाबी पलके झूम के जगाए ,
यशोदा का नन्द लाला ब्रिज का उजाला है
Yashoda’s Nand Lala is the light of the bridge
Mix all the world with my red
sleep by singing the cold cold air at night
Wake up with a twinkle of pink eyelids in the morning,
Yashoda’s Nand Lala is the light of the bridge
Why Munna smiles in deep sleep while sleeping,
ask me i know what is the dream of this
This is red since ages.
Every moment see only this dream,
come in my lap whenever you are born
May the whole world twinkle with my red
Yashoda’s Nand Lala is the light of the bridge
Holding my finger, when this house is dragged into the courtyard,
Mamta slept in my mind, opened my eyes
hide and stare at me
as it peeped through my mind
Eyes can’t be removed from face
May the whole world twinkle with my red
sleep by singing the cold cold air at night
Wake up with pink eyes in the morning,
Yashoda’s Nand Lala is the light of the bridge