परमात्मा के नाम में अद्भुत शान्ति और आन्नद समाया हुआ है। भगवान का नाम जो जीव्हा पर रखते हैं। भगवान उनके दिल में आनंद भर देते हैं। परमात्मा का नाम लेकर तङफता वही है। जिसके दिल में परमात्मा से एकाकार होने की तङफ जगती है। तङफ उसे कहते हैं बस एक ही सकंल्प मै भगवान का बन जाऊ। भक्त का दिल रात दिन तङफता है कब भगवान को निहार लु कब भगवान दर्शन देंगे ।क्या आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार होगा। ये जीवन मिट्टी में मिल जाएगा मेरे प्रभु प्राण नाथ आएंगे ।एक एक पल भगवान को भजता है रात को जागकर भगवान को भजते हुए भगवान का बन जाना चाहता है भोजन बना रहा भगवान को भज रहा हैं हाथ में चकु लग जाता खुन के आने पर मन कहता है पगली खुन से राम लिख लेता है क्योंकि दिल के दर्द के सामने शरीर का दर्द गोण है
मेरे प्रभु मै अब तुम से और दुर नहीं रह सकती हूँ।
ये सांस तुम्हारी बन जाना चहती है आओ मेरे प्रभु अब ये प्राण तुम मे समा जाना चाहते हैं तुम कंहा चले गए।जय श्री राम
अनीता गर्ग
There is wonderful peace and joy in the name of the Supreme Soul. Who puts the name of God on the soul. God fills their hearts with joy. Taffeta is the same by taking the name of the Supreme Soul. In whose heart there is a desire to be one with God. That’s why it is said that with just one resolution, I should become God’s. The heart of the devotee is feeling day and night, when will God see God, when will God give darshan. Will the soul have a realization with God. This life will be found in the soil, my Lord Pran Nath will come. One moment he worships God, wakes up at night and wants to become God’s worshiper. It is said that Pagli writes Ram with blood because the pain of the body is second in front of the pain of the heart.
My lord, I can’t stay away from you anymore. This breath wants to become yours, come my lord, now this life wants to be absorbed in you, where have you gone.Jai Shri Ram
Anita Garg