भक्त के दिल में भगवान तङफ रहने नहीं देते हैं। भगवान भक्त के दिल की कामना को पुरण करने के लिए हर क्षण हाजिर है। हम सोचते हैं कि मै भगवान का सिमरण करता हूँ मेरे स्वामी भगवान् नाथ का चिन्तन और वन्दन करते हुए प्रणाम करता हूं ।हमारे आखें हमारे किये को देखती है। प्रभु भगवान हमे कैसे अपनी ओट में रखते हैं हम यह नहीं देख पाते हैं। भगवान कृपा की नज़र करते हैं। तभी दिल में प्रेम और मन की शांति समाती है। हम भगवान को ध्याते है तब यह भी नहीं समझ पाते हैं कि हम परमात्मा से क्या चाहते हैं। हमे भगवान बार बार दर्शन का अहसास करा जाते हैं। पर हमें ज्ञान नहीं होता है कि परमात्मा मुझ पर कृपा की दृष्टि से भाव विभोर कर रहे हैं। भगवान का नाम लेते ही हमारे अन्दर एक उल्लास जागृत करने वाले भगवान ही है। परमात्मा अन्तर्मन में तृप्ति भर जाते हैं।प्रभु की कृपा दृष्टि जिस भक्त को मिल जाती है। भगवान को भजते है उनका जीना जीना है। इस संसार में आपको जो प्रेम आनंद प्राप्त होगा वह भगवान को भजते हुए होगा यह अन्तर्मन की खेती है। जय श्री राम
अनीता गर्ग
God does not allow to remain in the heart of the devotee. Lord is present at every moment to fulfill the desire of the heart of the devotee. We think that I worship God while contemplating and worshiping my lord Bhagwan Nath. Our eyes see our actions. We are unable to see how the Lord God keeps us under his hood. God looks up to grace. Only then there is love in the heart and peace of mind. When we meditate on God, we do not even understand what we want from God. We are made to feel the darshan of God again and again. But we do not have the knowledge that God is showering me with blessings. As soon as we take the name of God, it is God who awakens a gaiety in us. Satisfaction is filled in God’s inner being. The devotee who gets the blessings of the Lord. Worshiping God, his life is to live. The love and bliss that you will get in this world will be done by worshiping God, this is the cultivation of inner self. Long live Rama Anita Garg