भगवान राम का लक्ष्मण पर प्रेम

लक्ष्मण भगवान राम के साथ हर क्षण रहते हैं। जंहा राम वंहा लक्ष्मण। भगवान राम के बैगर लक्ष्मण के जीवन की हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। लक्ष्मण के सबकुछ भगवान राम है। वनवास राम को मिला लक्ष्मण भगवान राम के साथ जाते हैं। लक्ष्मण भगवान राम की परछाई है। लक्ष्मण मुरछीत एक ही घटना से क्या हुआ
ब्रह्म अस्त्र का सही उपयोग भगवान राम करते हैं  लक्ष्मण को भगवान राम दृष्टि मात्र से ठीक कर सकते थे। रावण के गढ से सुशेण वैध को लेकर आने का अर्थ है रावण के सैन्य बल को छिन भिन्न करना हैं।  भगवान राम अयोध्या का हालचाल जानना चाहते हैं कि भरत जी के मन में राज वैभव तो नहीं समा गया है भरत जी प्रतिक्षा कर रहे हैं या भुल ही गये हैं। हनुमान जी संजीवनी बूटी को लेकर आते हुए गर्व महसूस करते हैं भगवान राम भक्त में अभिमान रहने नहीं देते भरत जी को आगे करते हैं हनुमानजी के अभिमान को तो मिटाते हीहै साथ में भगवान राम देखते हैं मेरा लक्ष्मण रात दिन मेरी सेवा में लगा रहता है लक्ष्मण जी शेषा अवतार है भगवान राम का लक्ष्मण जी पर प्रेम आ जाता है मै अयोध्या जाने के बाद तो राजा बन जाऊंगा लक्ष्मण को स्नेह कर नहीं पाऊँगा स्नेह अभी कर सकता हूं। लक्ष्मण जी को गोद का सुख देने के लिए यह सब लीला करते हैं भगवान की लीला को कोन समझ सकता है प्रभु के विरह में प्रभु प्रेम छुपा हुआ है भगवान लक्ष्मण को अपनी गोद में रात भर लिए बैठे रहे सब बन्धन छुट जाना चाहते हैं। प्रेम की यह रीत है मौन प्रेम में छक जाते तभी सैलाब आता है आज भगवान राम लक्ष्‍मण को चोदह वर्ष के समर्पण मे ढुब जाते हैं प्रेम है कि सहज होता नहीं है सभी की दृष्टि में भगवान विलाप कर रहे हैं वास्तव में लक्ष्मण को हृदय में बिठाना चाहते हैं

जय श्री राम अनीता गर्ग

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