विनय

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शास्त्रों में विनय की महत्ता बताते
हुए यहाँ तक कहा गया है कि –


विनय मानव जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सभी मानवीय गुणों में अतिश्रेष्ठ और अति दुर्लभ गुण है। जिस प्रकार से हीरे की खानें और मोती माणिक्य के टुकड़े यत्र-तत्र नहीं मिलते उसी प्रकार विनय भी आसानी से सर्वत्र अथवा सभी मनुष्यों के जीवन में नहीं मिलती है।

विनयः कारणं मुक्तेः विनयः कारणं श्रियः ।
विनयः कारणं प्रीतेः विनयः कारणं मतेः ॥

जीवन में सबको झुकाकर चलने वाला हार सकता है मगर सबसे झुककर चलने वाला कभी नहीं हार सकता है। आँधी और तूफान भी पेड़ को उखाड़ कर बहा और उड़ा सकते हैं मगर एक तिनके को नहीं। इसलिए जीवन में सदा विजय हो उसके लिए पहले जीवन में सदा विनय लानी ही होगी।

विनय संपत्ति प्रदान कर सकता है, विनय प्रीती प्रदान कर सकता है, विनय सन्मति प्रदान कर सकता है और इससे भी बढ़कर विनय मुक्ति प्रदान करने की सामर्थ्य भी रखता है। मुक्ति अर्थात् क्रोध से मुक्ति, ईर्ष्या से मुक्ति, प्रतिस्पर्धा से मुक्ति, राग – द्वेष से मुक्ति और सबसे बड़ी बात वो ये कि अहंकार से भी मुक्ति विनय प्रदान कर देता है।

|| बाबा तुलसीदास जी की जय हो



Explains the importance of Vinaya in the scriptures It has even been said that –

Vinaya holds a very important place in human life. Among all human qualities, there is a superior and very rare quality. Just as diamond mines and pearl ruby ​​pieces are not found everywhere, similarly Vinaya is not easily found everywhere or in the lives of all human beings.

Humility is the cause of liberation and humility is the cause of prosperity Humility is the cause of pleasure Humility is the cause of opinion

The one who bows down to everyone in life can lose, but the one who leans the most can never lose. Even a storm and a storm can uproot and blow away a tree, but not a straw. Therefore, in order to always be victorious in life, one has to always bring humility in life first.

Vinay can bestow wealth, modesty can bestow love, modesty can bestow consent, and above all, modesty can bestow liberation. Liberation means freedom from anger, freedom from jealousy, freedom from competition, freedom from attachment and aversion and above all, freedom from ego also gives humility.

, Hail to Baba Tulsidas ji

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