सांसो मे खुशबू भर कर, प्रभु तुम चले गए
तेरी करामात को समझ नहीं पाती हूँ।
हर शब्द में हर विचार में तुम दिखाई देते हो ।
प्रेम प्रेम प्रेम फिर भी अन्दर
एक धुन बज रही है
एकांत भी नहीं है एकान्त हूँ ।
सांसो मे खुशबू भर कर, प्रभु तुम चले गए
ठण्डी फुहार दिल में, रस घोल रही है।
यह बाहर की फुहार नहीं है
दिल में आनंद का सागर उमङा है।
पागल पंथी में रोम रोम झुम रहा है।
मेरे प्रियतम, ये दिल सम्भालता नहीं है।
हे स्वामी आप से मेरी विनती यही है
प्रभु आनंद उंमग को अपने में समेट लो प्रभु ।
हे प्रभु हर दिल में आनंद और
प्रेम की महक हो।
सांसो मे खुशबू भर कर,
प्रभु तुम चले गए, प्रभु ऎसा लगता है,
तुम आए हो अभी आए हो,
तभी ये दिल रोशन हुआ है
प्रभु तुम्हारे आने से दिल में खुशबू महकी है।
दिल बार बार यही कहता है
यह गंध कहीं ओर से नहीं आयी है
ये प्रियतम प्राण नाथ की महक है।
अ दिल थोड़ा सम्भल कर महक में लीन हो। रोम रोम में ये गंध समा गई है ।
फिर देखती प्रभु कंहा है,
कभी दिल हसंता, कभी नैन नीर बहाते ।
प्रभु आए और आकर चले गए।
मै दिल में बिठा न पाई।
मेरे स्वामी कुछ समय तो रूकते
तुम्हे निहारती कुछ अपने दिल की कहती।
स्वामी कुछ नैन ही नैन में बात हो जाती।
दिल को कुछ ठण्डक मिल जाती।
सांसो मे खुशबू भर कर, प्रभु तुम चले गए
दिल विरह में जल रहा है।
प्रभु तुम विरह अग्नि को,
भङका कर चले गए।
दिल को शीतलता प्रदान करने के लिए
प्रभु भगवान तुम्हे आना पङेगा ।
एक भक्त आनंद नहीं चाहता
वह प्रभु चिंतन में खो जाना चाहता है। प्रभु प्राण नाथ मे लीन होना चाहता है।
ईश्वर में समा जाना चाहता है।
श्री राम अनीता गर्ग
Lord, you left with fragrance in your breath. I cannot understand your magic.
You are visible in every word and every thought. love love love still inside
a tune is playing
There is no solitude, I am alone. Lord, you left with fragrance in your breath. The cold shower is dissolving the juice in the heart.
This is not a shower outside
There is an ocean of joy in the heart. Every pore of the mad sect is trembling.
My dear, this heart cannot bear.
O Lord, this is my request to you.
Lord, please take the joy and enthusiasm within yourself, Lord. O Lord, joy in every heart and
Let there be the fragrance of love.
Fill your breath with fragrance,
Lord you are gone, Lord it feels like this, You have come, you have just come,
That’s when this heart became bright
Lord, there is a fragrance in my heart due to your arrival. my heart says this again and again
This smell didn’t come from anywhere
This is the fragrance of the beloved Pran Nath. O heart, be a little careful and get absorbed in the fragrance. This smell has permeated every pore. Then I look where the Lord is,
Sometimes the heart laughs, sometimes the eyes shed tears.
God came and went. I could not accept it in my heart.
My master should have stayed for some time
Looking at you she says something from her heart. Swami, a few glances can be used to communicate.
The heart would get some coolness. Lord, you left with fragrance in your breath. The heart is burning in separation.
Lord, you are the fire of separation,
They left in a hurry. To provide coolness to the heart
Lord God you will have to come. A devotee does not want happiness
He wants to get lost in the contemplation of God. Lord Pran wants to be absorbed in Nath.
Wants to merge with God. Shri Ram Anita Garg