हमारे घर-आगंन में जिनकी उपस्थिति मात्र से सभी दुःख अपने आप दूर हो जाते हैं ऐसी पूज्यनीय तुलसी को नित्य जल अर्पित करते हुए और उनके पास दीपक जलाते हुए इस मंत्र का जप करना चाहिए :-
तुलसी दर्शने पुण्यं, स्पर्शनं पापनाशनं, दर्शनं मुक्तिहेतुश्च तुलसी देवी नमोस्तुते,
त्वज्जले सर्वतीर्थानि तवांगे सर्वदेवता त्वत्पदे सर्वयज्ञाश्च तुलसायै नमाम्यहम्…!!
जैसे-जैसे समय का चक्र चलता जा रहा है हम आधुनिक होते जा रहे है और उस आधुनिकता के साथ पीछे छूट रही है हमारी संस्कृति।
एकल परिवारो विशेषकर बड़े शहरों में बड़े बुजुर्ग नहीं होते जो और एक बड़ा कारण होता है हमें अपने संस्कृति से दूर होने का।
जितने हम अपने आप और अपनी संस्कृति से दूर हो रहे है जीवन की समस्या बढती जा रही है, हमारा खानपान, दिनचर्या, रहन-सहन सब कुछ तो बदल गया है और कही न कही ये बदलाव ही शायद हमारी बढती परेशानियो का कारन है।
पहले बेटी को कम उम्र में ही माँ कहती थी:- ‘बेटी मै शाम के खाने की तैयारी शुरू करू तब तक तू तुलसी माता के पास दीपक लगा दे।’
और सच मानो वो सीख और आदत हमें अपनी संस्कृति से जोड़ने की शुरुआत होती थी।
अब आज के समय में ना माँ तुलसी के लिए आँगन में जगह है और ना पूजा के लिए समय है।
ना माता अपनी बच्चियो को वो सीख देने की याद रख पाती है।
माता तुलसी जिन्हें हम हरिप्रिया या विष्णुप्रिया भी कहते है उनका हमारे घर-आँगन में होना मात्र ही हमारी बहुत सी परेशानियो का अंत कर देता है।
तुलसी का पौधा घर में सकारात्मकता (positivity) फैलाता है, इस पौधे की उपस्थिति मात्र से घर के समस्त वास्तु दोष दूर हो जाते है।
माता तुलसी को आँगन में प्रवेश द्वार के पास स्थापित किया जाना उत्तम होता है ताकि हमारे बाहर जाते-आते माँ के दर्शन हो और हम अपने उद्देश्यों में सफल हो।
ये सकारात्मकता तब और बढ़ जाती है जब संध्या के समय तुलसी माता के पास घी का दीपक लगाया जाये, इससे हमारे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है, धन सम्बन्धी सभी समस्याओं का निवारण होता है।
आजकल के समय में तेजी से फ़ैल रही बीमारियो डेंगू और स्वाइन फ्लू के कीटाणु भी माँ तुलसी के हमारे आँगन में होने से हमारे घर में प्रवेश नहीं कर पाते।
कुछ बूंद तुलसी के रस को अगर बेहोश व्यक्ति की नाक में डाल दिए जाये तो व्यक्ति होश में आ जाता है।
तुलसी के पत्तो का या उसके रस का सेवन रक्तचाप जैसी बीमारियों को नियंत्रित करता है, और तो और तुलसी के नित्य सेवन से कभी भी दमे की बीमारी नहीं हो सकती।
तुलसी की माला गले में डाले रहने से टॉन्सिल्स नहीं बढ़ते साथ ही नकारात्मक ऊर्जा के दुष्प्रभाव से हम बचे रहते है।
विद्यार्थियों को बचपन से एक-आधा चम्मच तुलसी का रस पिलाए, उनकी स्मरण शक्ति गजब की रहेगी और पढ़ने में मन भी लगेगा।
खून की कमी के लिए भी तुलसी रामबाण दवा है, कम हीमोग्लोबिन स्तर वाले लोग इसके सेवन से बीमारी ठीक कर सकते है।
ऐसी गुणकारी माता तुलसी को कोटि कोटि वंदन…
This mantra should be chanted while offering water regularly to such revered Tulsi and lighting a lamp near her, by whose mere presence in our home-yard:
Seeing Tulsi is pious, touching it destroys sins, seeing it is the cause of liberation Tulsi Devi Namostute,
I bow to Tulsa, all the holy places in your water, all the gods in your body, all the sacrifices at your feet…!!
As the cycle of time is going on we are becoming modern and our culture is getting left behind with that modernity.
Nuclear families, especially in big cities, do not have elderly people, which is another big reason for us to be away from our culture.
As much as we are getting away from ourselves and our culture, the problem of life is increasing, our food, routine, living habits, everything has changed and this change is probably the reason for our increasing problems.
Earlier, the mother used to tell the daughter at an early age: – ‘Daughter, you should light a lamp near Tulsi Mata till I start preparing the evening meal.’
And to be honest, that learning and habit was the beginning of connecting us with our culture.
Now in today’s time there is no place in the courtyard for Mother Tulsi and there is no time for worship. Neither mother is able to remember to give that lesson to her daughters.
Mata Tulsi, whom we also call Haripriya or Vishnupriya, just having her in our house and courtyard ends many of our troubles.
Tulsi plant spreads positivity in the house, with the mere presence of this plant, all the Vastu defects of the house are removed.
It is best to place Mata Tulsi near the entrance in the courtyard so that we can have darshan of the mother while we go out and we will be successful in our objectives.
This positivity increases when a lamp of ghee is placed near Tulsi Mata in the evening, it increases happiness and prosperity in our house, all problems related to money are solved.
In today’s time, even the germs of the rapidly spreading diseases dengue and swine flu cannot enter our house due to the presence of Mother Tulsi in our courtyard.
If a few drops of basil juice is put in the nose of an unconscious person, then the person becomes conscious.
Consumption of basil leaves or its juice controls diseases like blood pressure, and, even more, regular consumption of basil can never lead to asthma.
By keeping Tulsi garland around the neck, tonsils do not increase and we are saved from the ill effects of negative energy.
Give students one-half teaspoon of basil juice from childhood, their memory power will be amazing and they will also feel like reading.
Tulsi is also a panacea medicine for anemia, people with low hemoglobin level can cure the disease by consuming it.
Many respects to such a virtuous mother Tulsi…