गोवर्धन धराधर गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
इस पूजा को करने वाले व्यक्ति का सीधा प्रकृति से सामंजस्य बनाता है। आपको बता दें कि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस पूजा में गोबर से बने हुए पर्वत की विधिपूर्वक पूजा करने और भगवान कृष्ण को भोग लगाने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और गाय की पूजा करने का भी इस दिन पर विशेष महत्व होता है। मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से पूजा करने वाले व्यक्ति को इच्छानुसार फल भी मिलता है। ऐसा भी माना जाता है कि जो व्यक्ति गोवर्धन पूजा करता है उसके धन और समृद्धि का लाभ होता है और परिवार में खुशहाली रहती है।
इस दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग को अर्पित करते हैं। आपको बता दें कि इस प्रसाद को अन्नकूट भी कहा जाता है। आपको बता दें कि हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन यह भोग भगवान को चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में अन्न कभी खत्म नहीं होता है।इन सभी कारणों की वजह से पर्व का हमेशा से ही एक विशेष महत्व माना जाता है।
गोवर्धन भगवान की जय हो
Govardhana Dharadhar Gokul Tranakarak. O arm of Vishnu, raised up, become lord of crores of cows.
The person doing this worship directly harmonizes with nature. Let us tell you that according to the beliefs of Hindu religion, worshiping a mountain made of cow dung and offering it to Lord Krishna fulfills all the wishes and worshiping a cow also has special significance on this day. According to the beliefs, the worshiper gets the desired result by circumambulating the Govardhan mountain. It is also believed that the person who performs Govardhan Puja is blessed with wealth and prosperity and there is happiness in the family.
On this day people offer 56 bhog to Lord Krishna. Let us tell you that this Prasad is also called Annakoot. Let us tell you that according to Hinduism, offering this bhog to God on this day never ends food in a person’s life. Due to all these reasons, the festival has always been considered to have a special significance.
Glory be to God Govardhan