1~पहला रत्न है : ” माफी “
तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे , तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना , और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना , बल्कि उसे माफ़ कर देना।
2~दूसरा रत्न है : ” भूल जाना “
अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना , कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।
3~तीसरा रत्न है : ” विश्वास “
हमेशा अपनी मेहनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना । यही सफलता का सूत्र है ।
4~चौथा रत्न है : ” वैराग्य “
हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निशिचत हि हमें एक दिन मरना ही है। इसलिए बिना लिप्त हुवे जीवन का आनंद लेना । वर्तमान में जीना।
1~ The first gem is: “Forgiveness” Whatever someone says for you, you should never keep his word in your mind, nor should you ever keep a feeling of retribution for him, but forgive him.
2~ The second gem is: “forgetting” Forgetting the favor you have done for others, never keep in mind the hope of getting the reward of that favor done.
3~ The third gem is: “Faith” Always keep your hard work and unwavering faith in that Supreme Father, the Supreme Soul. This is the formula for success.
4~ The fourth gem is: “Viragya” Always remember that when we are born, surely we have to die one day. So enjoy life without indulging. Carpen diem.