*कुछ लोग संसार में ईमानदारी से जीते हैं ,
कम मिलता है। झूठे बेईमान लोग जैसे तैसे
छल कपट से चालाकी से बहुत सा
धन भी इकट्ठा कर लेते हैं और
उनके बड़े-बड़े शौक भी पूरे हो जाते हैं ।*
*ईमानदार लोगों के पास धन संपत्ति
सुविधाएं कम होने से ,
वे अपने सारे शौक पूरे नहीं कर पाते।
कोई बात नहीं ।*
*किसी भी शौक को पूरा करने से
जो सुख मिलता है वह क्षणिक होता है
थोड़ी देर का होता है ।
उसमें पूर्ण तृप्ति का अनुभव नहीं होता ।
परंतु जो ईमानदारी से थोड़े साधन संपत्ति में भी
संतोष करके जीते हैं,
उनके सभी शौक भले ही पूरे नहीं होते ,
फिर भी वे चिंता रहित तनाव रहित
मस्त जीवन जीते हैं ।उनकी अधिक की इच्छा नहीं रहती वे थोङे में ही बहुत खुश हो जाते हैं *
*यदि ईमानदारी तथा बेईमानी,
इन दोनों की तुलना करें ,तो ईमानदारी वाला
जीवन अधिक अच्छा है ।
इसलिए ऐसे लोग सदा आनंदित रहते हैं ।
वे अपने जीवन को सफलतापूर्वक जीते हैं।
आज का व्यक्ती सच्चा जीवन जीना भुल गया है सच्चा जीवन सुख पर आधारित नहीं है सच्चा जीवन आन्तरिक सन्तोष पर टिका हुआ है जय श्री राम
* Some people live honestly in the world, get low. false dishonest people like that deceit a lot of trickery collect money and His big hobbies also get fulfilled.
* Honest people have wealth Due to lack of facilities, They cannot fulfill all their hobbies. No problem .* *Fulfilling any hobby The happiness you get is momentary It’s a while. There is no feeling of complete satisfaction in it. But who honestly even in little means wealth live contentedly, Even if all his hobbies are not fulfilled, yet they are worry free stress free They live a cool life. They do not desire much, they become very happy in a little *
*If honesty and dishonesty, Compare these two, then honestly Life is better. That’s why such people are always blissful. They live their life successfully. Today’s person has forgotten to live a true life. True life is not based on happiness. True life is based on inner contentment. Jai Shri Ram.