मन की अद्भुत यात्रा

मन, एक ऐसा सागर है जिसकी गहराईयां कभी नहीं नापी जा सकतीं। यह एक ऐसा आकाश है जिसकी ऊंचाइयाँ कभी नहीं छूई जा सकतीं। यह एक ऐसा जंगल है जिसमें अनेक रास्ते हैं, लेकिन कोई भी रास्ता निश्चित नहीं है। मन की यह यात्रा कभी रुकती नहीं, यह हमेशा चलती रहती है।

एक बार, मन एक सुंदर बगीचे में घूम रहा था। बगीचे में फूलों की मनमोहक खुशबू थी और पक्षियों के मधुर स्वर गूंज रहे थे। मन इस खूबसूरती से बहुत प्रसन्न था। लेकिन तभी अचानक आकाश में काले बादल छा गए और बारिश होने लगी। मन डर गया और उसने शरण लेने के लिए एक पेड़ के नीचे जाकर छिप गया।

कुछ देर बाद, बारिश रुक गई और धूप निकल आई। मन फिर से खुश हो गया और बगीचे में घूमने लगा। लेकिन तभी उसे एक कांटेदार झाड़ी दिखाई दी। मन उस झाड़ी के पास गया और उसे छूने की कोशिश की। लेकिन कांटे ने उसे चुभ गये और मन रोने लगा।

मन को समझ नहीं आ रहा था कि वह खुश क्यों है और दुखी क्यों है। वह एक क्षण में प्रसन्न होता और अगले क्षण उदास हो जाता।

एक दिन, मन एक बुद्धिमान व्यक्ति से मिला। उसने बुद्धिमान व्यक्ति से अपनी समस्या बताई। बुद्धिमान व्यक्ति ने मन से कहा, ‘मन की यात्रा में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। यह स्वभाविक है। तुम्हें इन उतार-चढ़ावों को स्वीकार करना होगा। जब तुम खुश हो तो खुश रहो और जब तुम दुखी हो तो दुखी रहो। लेकिन दुख में भी आशा रखो और खुशी में भी संयम रखो।’

बुद्धिमान व्यक्ति की बातों से मन को बहुत शांति मिली। मन ने समझ लिया कि वह एक यात्री है और उसकी यात्रा में कई तरह के अनुभव आएंगे।

मन ने अपनी यात्रा जारी रखी। उसने कई नई जगहें देखीं, कई नए लोगों से मिला और कई नए अनुभव प्राप्त किए। कभी-कभी वह खो जाता था, कभी-कभी वह मिल जाता था। लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी और अपनी यात्रा जारी रखी।

मन की यात्रा एक अनंत यात्रा है। यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है। यह एक ऐसी यात्रा है जो हमें जीवन के अर्थ को समझने में मदद करती है। ।। ईश्वर सब का भला करें ।।



Mind is an ocean whose depths can never be measured. This is a sky whose heights can never be touched. It is a forest with many paths, but no path is certain. This journey of the mind never stops, it always goes on.

Once, the mind was wandering in a beautiful garden. There was a pleasant fragrance of flowers in the garden and the sweet sounds of birds were echoing. My mind was very happy with this beauty. But then suddenly dark clouds appeared in the sky and it started raining. He got scared and hid under a tree to seek shelter.

After some time, the rain stopped and the sun came out. The mind became happy again and started roaming in the garden. But then he saw a thorny bush. Mana went near that bush and tried to touch it. But the thorn pricked him and he started crying.

The mind could not understand why it was happy and why it was sad. He would be happy one moment and sad the next.

One day, Mana met a wise man. He told his problem to the wise man. The wise man said to the mind, ‘There are ups and downs in the journey of the mind. This is natural. You have to accept these ups and downs. When you are happy be happy and when you are sad be sad. But have hope even in sorrow and maintain patience in happiness also.

The mind got a lot of peace from the words of the wise man. The mind understood that he was a traveler and that his journey would bring many experiences.

The mind continued its journey. He saw many new places, met many new people and gained many new experiences. Sometimes he was lost, sometimes he was found. But he never gave up and continued his journey.

The journey of the mind is an infinite journey. It is a journey in which there is always something new to learn. It is a journey that helps us understand the meaning of life. , God bless everyone.

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